गरीब जनता दल सेक्यूलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष साधु यादव ने कहा है कि बिहार में एक कहावत है कि छलनी हंसे सुपली के जिसमें अपने बहत्तर छेद।
लगता है कि एनडीए और महागठबंधन ने इसी कहावत को अपना लिया है और बिहार की जनता को भरमाने के लिए पहले दिन से जान-बूझकर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करके माहौल बना रहे हैं।
ये दोनों गठबंधन सिर्फ विकास की झूठी बातें करते हैं, बिहार की जनता से झूठे वादे करते हैं और वोट के बाद सब भूलकर मलाई खाते हैं। ऐसा ये लोग पहले भी कर चुके हैं और अगर बिहार की जनता ने इन्हें सत्ता सौंप दी तो ऐसा ही आगे भी करेंगे।
नीतीश को भी घेरा
गजद सेक्यूलर प्रमुख ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि पुराने दिन ही अच्छे थे, वही दिन नरेंद्र मोदी लौटा दें। हम नीतीश कुमार से पूछना चाहते हैं कि बिहार के गरीबों के लिए वो खुद कब अच्छे दिन लाए थे? 10 साल से मुख्यमंत्री रहे फिर भी गरीबों के लिए 10 अच्छे दिन क्यों नहीं लाए? आज किस मुंह से नीतीश कुमार भाजपा को बोल रहे हैं, 8 साल तक जब भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की मलाई खा रहे थे, उस वक्त तो भाजपा इनके लिए बड़ी अच्छी थी? नीतीश कुमार के लिए तो वो ही अच्छे दिन थे क्योंकि तब भाजपा के साथ मिलकर दो-दो बार वो मुख्यमंत्री बन गए।
साधु यादव ने कहा कि एनडीए वाले भी बताएं कि अब दाल और कितनी महंगी होगी? गरीब पहले दाल-रोटी खाकर किसी तरह दो वक्त पेट चला लेते थे, अब तो एनडीए सरकार ने ये भी मुश्किल कर दिया। अब क्यों नहीं एनडीए वाले बोलते हैं कि अच्छे दिन आ गए हैं? जब बिहार का गरीब खाना नहीं खाएगा तो इनको वोट काहे देगा? इसीलिए तो हम कहते हैं कि जब ईवीएम का बक्सा खुलेगा तब एनडीए और महागठबंधन वाला चौंकेगा क्योंकि बिहार की गरीब जनता दोनों को सबक सिखाने जा रही है।