-पटना के यूथ हास्टल में जुटे थे यूपी, झारखंड और दिल्ली-मुंबई के वक्ता, शाम में पुलिस ने घेर लिया
पटना.
पटना में बिहार के सामाजिक न्याय की सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे, सामंती ताकतों का विरोध कर रहे देश के विभिन्न हिस्सों से आये दलित चिंतकों और वक्ताओं को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार कर गांधी मैदान थाने ले जाया गया और वहां पर दो युवा छात्रों को छोड़कर सभी को फोटो आइडी के साथ पुलिस ने फोटो खिंचकर रिकार्ड में रखा और उसके बाद जाने दिया. जेएनयू और पटना यूनिवर्सिटी के दो छात्र खबर लिखे जाने तक पुलिस कस्टडी में हैं. न्याय मंच की ओर से अभिषेक राज ने बताया कि पुलिस का कहना था कि अभी निगम का चुनाव चल रहा है. इस कारण बैठक की अनुमति लेनी जरूरी है. जब हमने विरोध किया तो उन्होंने सभी को गिरफ्तार कर लिया. शाम में कई लोगों को फोटो लेकर छोड़ा गया. विरेंद्र कुमार और अभिषेक को खबर लिखे जाने तक पुलिस ने कस्टडी में ले रखा है.
सामाजिक राजनैतिक विकल्प को लेकर भरी हुंकार
इसके पहले यूथ हास्टल में जुटे यूपी, झारखंड और दिल्ली-मुंबई के वक्ताओं ने कहा कि आज जो देश की स्थिति है उसके लिए एक नये सामाजिक राजनैतिक विकल्प की आवश्यकता है. देश में आज जो हालात बन गये हैं उसमें विपक्ष गायब हाे चुका है और जो दलित और वंचित समाज है वही विपक्ष है. यूपी से रिहाई मंच के राजीव यादव, झारखंड से आये बाबर खान, दिल्ली के जेएनयू नेता विरेंद्र कुमार, सतीश चोपड़ा, नेहाल हैदर, मुंबई से तनवीर आलम आदि ने कहा कि 27 सालों से बिहार से जो सामाजिक न्याय की लड़ाई आगे बढ़ी है उसे और मजबूत बनाने की दरकार है. सभी जगहों पर ऐसे आंदोलन की आवश्यकता है ताकि मजबूती आये और देश भर में एक बेहतर राजनैतिक विकल्प खड़ा हो.