तेजस्वी यादव सामाजिक न्याय व आरक्षण की हिफाजत के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. चाहे इसके लिए उन्हें गोली खानी पड़े या फिर चुनावों में हारना पड़े पर वह इन मुद्दों पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं.
तेजस्वी ने एक संक्षिप्त बयान में साफ कहा है कि- “एक भी सीट आये न आये, आरक्षण और सामाजिक न्याय की विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेंगे.सामाजिक न्याय के लिए मुझे गोली भी खानी पड़े तो मैं तैयार हूँ.
तेजस्वी का यह बयान तब आया है जब हाल ही में विश्वविद्यालयों के प्रोफसरों समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापन में अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्गों के लिए एक भी सीट पर आरक्षण का उल्लेख नहीं था.
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति संबंधी 200 प्वाइंट्स रोस्टर को खत्म करके 13 प्वाइंट्स रोस्टर पद्धति लागू करने का हुक्म दिया है. ऐसा करने से आरक्षित वर्गों का भी प्रत्याशी प्रोफसर नहीं बन सकता.
इस मामले में हाल ही लालू प्रसाद यादव ने भी जोरदार बयान दिया था और कहा था कि आरक्षण समाप्त होने की यह घोषणा है.
इस मुद्दे पर देश भर के सामाजिक संगठनों में भारी रोष है. इस मुद्दे पर दिल्ली में लगातार आंदोलन हो रहा है. इस आंदोलन में खुद तेजस्वी यादव भी शरीक हुए थे.[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab][/tab][/tabs]
राष्ट्रीय जनता दल के अलावा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार और लगभग सभी राजनीतिक दलों ने एक सा रवैया अख्तियार कर लिया है जिसके कारण सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का कानून पास हो चुका है. इससे पिछड़े वर्गों को एहसास हो चुका है कि अब उनके आरक्षण पर तलवार लटक चुका है.
तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर स्पष्ट लाइन लेते हुए साफ कर दिया है कि वह दलितों पिछड़ों के आरक्षण और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं.
इस मामले में जाहिर है कि काफी जोखिम है. खुद तेजस्वी यादव को भी इस जोखिम का पता है. इसलिए उन्होंने साफ कर दिया है कि चाहे वह चुनाव में हारें या गोली खानी पड़े इन मुद्दों पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है.