सारदा ग्रूप ऑफ कम्पनीज घोटाले में नाम आने वाले तृणमूल कांग्रेस सांसद कुणाल घोष को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर निलंबित कर दिया गया है.
इससे पहले घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. उन पर आरोप था कि “कारण बताओ नोटिस के बावजूद घोष पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने से बाज नहीं आए.उन्होंने पार्टी की छवि धूमिल की.
सोनागाछी की यौनकर्मियों को भी दिया धोखा
सारदा चिटफंड घोटाले को लेकर पुलिस की जांच में घिरे घोष ने एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी पर पर निशाना साधा था.उन्होंने आरोप लगाया था कि इस घोटाले में शामिल लोग उन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं.
मालूम हो कि कुछ महीने पहले शारदा ग्रूप ऑफ कम्पनीज के ऊप आरोप लगा था कि उसने अपने हजारों लोगों से गैर कानूनी रूप से पैसे हासिल किये थे और उनके पैसे वापस नहीं किये गये थे. इस घोटाले के उजागर होने के बाद यह भीप पता चला था कि कई निवेशकों ने अपने पैसे डूबने के कारण आत्म हत्या तक कर ली थी.
उस समय पार्टी के दो लोकसभा सांसद तापस पाल और शताब्दि राय भी घोष के साथ मौजूद थे। उन्होंने भी उस मंच से अपनी दिल की बात कही थी।
अनुशासन समिति के संयोजक चटर्जी ने कहा कि कारण बताओ नोटिस के जवाब में पाल और राय ने पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पत्र लिखकर माफी मांग ली, लेकिन घोष ने अपना पार्टी विरोधी कदम वापस नहीं लिया.