चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान सार्वजनिक फंड या सार्वजनिक स्थान और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है और इसका पालन न किये जाने पर राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की भी धमकी दी है। आयोग ने बहुजन समाज पार्टी बनाम कॉमन कॉज के मुकदमे में दिल्ली उच्च न्यायालय के कल के फैसले को देखते हुए यह निर्देश जारी किया है लेकिन इस संबंध में अंतिम निर्णय 19 अक्टूबर को लिया जायेगा।
आयोग ने सभी दलों को 19 अक्टूबर तक अपनी राय पेश करने को कहा है। आयोग ने सात सितंबर को ही सभी दलों को पत्र लिखकर अपनी राय देने को कहा था। कुछ दलों ने चुनाव आयोग को समर्थन करते हुए अपनी राय व्यक्त कर दी थी। आयोग ने उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर यह पाया कि मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए यह जरूरी है कि चुनाव के दौरान पार्टी अपने प्रतीक चिन्हों के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी फंड, सार्वजानिक स्थलों एवं सरकार की मशीनरी का इस्तेमाल न हो क्योंकि यह अनैतिक होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई राजनीतिक दल सत्ता में रहते हुए अपनी पार्टी के प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किसी भी सरकारी विज्ञापन में नहीं करेगी और सरकारी फंड तथा स्थान का इस्तेमाल भी नहीं करेगी। ऐसा करना चुनाव चिन्ह (आराक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के आदेश की धारा 16 अ का उल्लंघन होगा। आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सूचना दी है कि वे राजनीतिक दलों का ध्यान इस ओर खींचे।