बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित ‘हिन्दी पखवारा‘ के १२वें दिन, नन्ही पीढ़ी के कवियों ने अपनी कवितायें सुनाईं.इस अवसर ‘काव्य–प्रतियोगिता‘का आयोजन किया गया। कक्षा तीन से स्नातक–स्तर के दर्जनों विद्यार्थियों ने अपनी काव्य–प्रतिभा का उत्साह पूर्वक परिचय दिया।
सातवीं कक्षा से नीचे के विद्यार्थियों को यह स्वतंत्रता डी गई थी कि वे अन्य कवियों की रचनाओं का भी पाठ कर सकते हैं,किंतु उसके ऊपर के विद्यार्थियों को स्वरचित कविताओं का पाठ करना था।
किशोर कवियों ने हीं नहीं, बाल कवियों और कवयित्रियों ने भी काव्य–पाठ की मोहक प्रस्तुतियों से निर्णायकों को ख़ासा प्रभावित किया। युवा कवियों ने प्रेम और श्रींगार,सामाजिक सरोकार,आध्यात्मिक और धार्मिक विषयों समेत राजनीति और समाज की पीड़ा पर भी कविताएँ सुनाई। प्रतियोगिता में, वीर कुँवर सिंह विश्व विद्यालय,आरा, कौलेज औफ़ कौमर्स, कंकड़बाग़,पटना, लोयला हाई स्कूल, कुर्जी, दीघा, कला एवं शिल्प विद्यालय,बुद्धमार्ग, पटना, ‘प्रभु तारा उच्च विद्यालय, पटना सिटी, संत जौंस हाई स्कूल, क़दमकुआं,बी डी कौलेज, मीठापुर,सर गणेशदत्त पाटलिपुत्र उच्च विद्यालय, क़दमकुआं,न्यू बी डी पब्लिक स्कूल, बेउर तथा हानि न्यू प्वाइंट स्कूल,क़दमकुआं के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता समेत, साहित्य सम्मेलन में हिन्दी पखवारा के अंतर्गत आयोजित सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम तीन स्थान पानेवाले सभी विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य–पदकों के साथ क्रमश: एक हज़ार रूपए , साढ़े सात सौ रूपए तथा पाँच सौ रूपए के नगद पुरस्कार भी दिए जाएँगे। १५ सितम्बर को पखवारा के समापन समारोह में ये पुरस्कार दिए जाएँगे।
इस अवसर पर प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक प्रो सुशील कुमार झा, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, बाँके विहारी साव, डा आर प्रवेश, डा शालिनी पाण्डेय, कवि जय प्रकाश पुजारी, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, शिक्षिका उपेन्द्र पाठक, डा अर्चना कुमारी सिन्हा,श्रीनिवास सिंह,सिंधु कुमारी समेत बड़ी संख्या में शिक्षक–शिक्षिकाएं एवं अभिभावक गण उपस्थित थे। प्रतियोगिता का उद्घाटन सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने किया।