मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के दौर से बाहर बताते हुए कहा कि चेहरा की बजाए चुनाव जीतने के लिए साझा कार्यक्रम पर आधारित विपक्षी एकता ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
साझा कार्यक्रम आधारित हो विपक्षी एकता की पहल
श्री कुमार ने आज पटना में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं और इसे वह पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पूर्व में प्रधानमंत्री बनने के लिए जिनके नामों की चर्चा होती रही है, वे कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाये । मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों की एकता के लिए चेहरा की बजाए साझा कार्यक्रम बनाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने इसके लिए अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पूर्व नयी दिल्ली में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए श्री गांधी से अनुरोध किया था कि वह विपक्षी एकता के लिए साझा कार्यक्रम तैयार करने की पहल करें।
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है और किसी तरह की नूरा कुश्ती नहीं हो रही है । उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा कि मीडिया में नूरा रिपोर्टिंग जरुर हो रही है ।
श्री कुमार ने कहा कि महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से पटना में 27 अगस्त को आयोजित की जाने वाली रैली में निमंत्रण मिलने पर वह जरुर शामिल होंगे । उन्होंने स्पष्ट किया कि अनौपचारिक निमंत्रण मिल चुका है और औपचारिक निमंत्रण भी जल्द आ जायेगा ।