नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सड़क निर्माण में धीमी गति के लिए केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है। कैग ने कहा कि उसने प्रतिदिन 20 किमी सड़क बनाने का जो लक्ष्य चार साल पहले निर्धारित किया था, उसे किसी भी वर्ष पूरा नहीं किया गया। 2012-13 में उसने सिर्फ 3.06 किलोमीटर सड़क हर दिन बनाई, जो लक्ष्य से 89.53 प्रतिशत कम है। कैग की संसद में हाल ही में पेश रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 2009 में प्रतिदिन 20 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य तय किया था। इस अवधि में निर्धारित लक्ष्य में सर्वाधिक 17.81 प्रतिशत सडकों का निर्माण 2011-12 में हुआ, जबकि 2010-11 में 13.89 किलोमीटर तथा वर्ष 2009-10 में 9.17 और 2012-13 में सिर्फ 3.06 किमी सडकों का निर्माण ही प्रतिदिन हो सका है।
सड़कों के निर्माण में भूमि अधिग्रहण और वित्तीय परेशानियों को ज्यादा गिनाया जाता है, जिसके समाधान के लिए सरकार ने 2009 में योजना आयोग के सदस्य बी के चतुर्वेदी के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति ने उसी वर्ष अगस्त में अपनी रिपोर्ट दी, जिसे सरकार ने स्वीकार किया और हर दिन 20 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने कहा है कि अगले दो वर्ष में हर दिन 30 किलोमीटर सडकों का निर्माण किया जाएगा। हालांकि सरकार ने गत सितंबर में स्वीकार किया है कि 2009 में दिया गया लक्ष्य महत्वकांक्षी है, लेकिन उसे ठोस अध्ययन के आधार पर तय नहीं किया गया था। सरकार ने यह भी कहा कि नीतिगत बाधाओं का जब तक निस्तारण नहीं होगा, इस महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता।