भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी में मुख्यमंत्री पद के लिए बढ़ती दावेदारी पर विराम लगा दिया है। पटना में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी किसी को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करेगी। विधान सभा चुनाव के बाद पार्टी बहुमत में आएगी तो मुख्यमंत्री का चयन संसदीय बोर्ड करेगा। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और कौशल विकास पर बल दिया है और इस दिशा में कई कदम उठाये जा रहे है । दुनिया के उद्योगपति आज देश की ओर आशाभरी नजर से देख रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि तीन हजार से अधिक विदेशी कंपनियां देश में निवेश के लिए आने वाली हैं। इसी तरह 100 स्मार्ट सिटी बनाये जाने की तैयारी है और स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनकी पार्टी का विजय रथ बिहार में प्रवेश करेगा। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव भाजपा 185 प्लस के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है और प्रदेश में राजग के नेतृत्व में सरकार बननी तय है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार और कांग्रेस के गठबंधन को अनैतिक बताया और कहा कि बिहार की जनता जंगल राज से मुक्ति पाने के लिए छटपटा रही है।
श्री शाह ने कहा कि बिहार में जब भाजपा सरकार में शामिल थी, उस समय सही मायने में सुशासन दिखाई पड़ता था। सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास के कार्य हो रहे थे लेकिन अपने अहंकार और स्वार्थ के कारण श्री कुमार ने राजग के साथ 17 वर्ष पुराने गठबंधन को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने सिद्धांत के कारण नहीं बल्कि व्यक्गित हित के कारण भाजपा से नाता तोड़ा था।