विधान सभा के विशेष सत्र को लेकर विधान सभा सचिवालय ने विशेष तैयारी की थी। हालांकि सत्र को लेकर सरकार तनाव नहीं थी। न कोई शोर-शराबे की आशंका थी। वजह साफ है कि केंद्र की भाजपा सरकार का जीएसटी विधेयक को विधान सभा से मंजूरी लेनी थी। इसलिए विपक्ष भी स्‍वागत के मूड में था।

वीरेंद्र यादव

विधान सभा लाइव

 

विधानसभा के स्‍पीकर कक्ष के माहौल में भी नरमी थी। मुख्‍यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और वाणिज्‍यकर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव स्‍पीकर कक्ष में पहुंचे। थोड़़ी देर बाद उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव भी पहुंचे। भूमि सुधार और राजस्‍व मंत्री मदनमोहन झा भी हाजिर हुए। इनके अलावा संजय गांधी, सदानंद सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, मुंद्रिका सिंह यादव, इलियास हुसैन, ललन पासवान समेत कई विधायक भी मौजूद थे। आज स्‍पीकर विजय कुमार चौधरी की माता सुशीला देवी का दशकर्म भी था। इस कारण वह विधि-विधान के बाद विधान सभा पहुंचे हुए थे। इसी मुद्दे पर चर्चा हुई। दसवां, संपिंडन से लेकर पिंडदान पर चर्चा हुई। बात बढ़ते-बढ़ते अरवा व समजीरवा पर पहुंच गयी। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि सोननदी के पश्चिम में लोग अरवा चावल खाते हैं, जबकि पूर्व के लोग उसीना चावल खाते हैं। पूरा मगध में उसीना खाया जाता है। अरवा चावल तो सिर्फ खीर बनाने के काम ही आता है। समजीरवा चावल काफी सुगंधित होता है और उसकी खीर में काफी खुशबू होती है। इस बीच सदानंद सिंह ने कहा कि हम लोग भी अरवा खाते हैं। इस पर मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आप जरूर सोन के पश्चिम के रहने वाले होंगे। तब सदानंद सिंह ने माना कि हमारे पूर्वज कैमूर से आए थे। बात आगे बढ़ी। सीएम ने कहा कि सोन के पश्चिम के लोग लाश जलाने के लिए पूर्व में नहीं आते हैं। इसी चर्चा में विधान सभा की घंटी बजी और सभी लोग सदन के लिए प्रस्‍थान कर गये।

सदन की कार्यवाही समाप्‍त होने के बाद मुख्‍यमंत्री कक्ष विधायक और पत्रकारों से भर गया। मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठे हुए थे। वे चीनी मिल मजदूरों के न्‍याय की मांग के लिए एक आवेदन लेकर आए थे। मु‍ख्‍यमंत्री ने उनका आवेदन पढ़ने के बाद कहा कि आपने इसमें आत्‍मदाह की बात कही है, जबकि हमने इस संबंध में जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो बताया गया कि मजदूरों की हत्‍या की चेष्‍टा की गयी थी। सरकार ने इस मामले एसआइटी गठित की है। आपने अपने आवेदन में आत्‍मदाह की बात कही है। ऐसा आवेदन नहीं दीजिए। इसमें सुधार करके दीजिए। इसके साथ ही प्रमोद कुमार अपने ‘काफिले’ के साथ रवाना हो गए। इस बीच पूर्णिया के विधायक विजय खेमका ने पूर्णिया विश्‍वविद्यालय के संबंध में आवेदन दिया और इस बारे शीघ्र कार्यवाही शुरू करवाने की मांग की। एक अन्‍य विधायक का आवेदन किसानों को मिलने वाले अनुदान के संबंध में था। इस संबंध में सीएम ने कृषि विभाग के प्रधान सचिव से बातकर आवश्‍यक निर्देश दिये।

अब पत्रकारों की बारी थी। पत्रकार कुछ पूछना चाह रहे थे कि सीएम ने कहा कि बात कहां से शुरू होगी और कहां पहुंच जाएगी, हम जानते हैं। गरम-गरम पकौड़ी है, खाइए। चाय पीजिए। फिर सीएम अपने मुद्दे पर  लौटे। आप लोग ये छापिएगी नहीं कि शराबबंदी के बाद बिहार में डोमेस्टिक टूरिस्‍टों की संख्‍या में 68 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी हुई है। विदेशी टूरिस्‍ट भी बढ़े हैं। इस बीच उनके प्रधान सचिव लिखित आकड़ा देते हैं। फिर नीतीश ने कहा कि 2015 की तुलना में 2016 में घरेलू पर्यटकों की संख्‍या में 68 प्रतिशत इजाफा हुआ है। 2015 में घरेलू पर्यटक (डोमेस्टिक टूरिस्ट) एक करोड़ 69 लाख बिहार आए थे, जबकि 2016 में 2 करोड़ 85 लाख घरेलू पर्यटक बिहार में आए। विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में भी 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। राज्‍य में उपभोक्‍ता वस्‍तुओं की बिक्री बढ़ी है। इसके साथ ही बिक्री कर से राजस्‍व में बढ़ोत्‍तरी हुई है। शराबबंदी के बावजूद पिछले वित्‍तीय वर्ष की तुलना में 2016-17 में राजस्‍व वसूली में मामूली कमी आयी है।

इस दौरान सीएम के केरल से लेकर मुम्‍बई तक की यात्रा की चर्चा हुई। शराबबंदी के मुद्दे पर मिल रहे देशव्‍यापी समर्थन से सीएम गदगद हैं। कई जगहों से बुलावा आ रहा है। लेकिन समय नहीं है। सभी जगहों के लिए पटना से डायरेक्‍ट एयररूट भी नहीं है। इस कारण एक कार्यक्रम में दो-तीन दिन लग जाता है। इन्‍हीं चर्चा के बीच मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार मंत्री अवधेश सिंह के साथ किसी मुद्दे पर विमर्श के लिए अपने चैंबर में चले गए। मुख्‍यमंत्री के फिर से आने के इंतजार में पत्रकार उबने लगे और फिर लोग नये ‘न्‍यूज जंक्‍शन’ की तलाश में निकल लिये।

By Editor


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