सीएम जीतनराम मांझी की घोषणाओं के जबाव में भाजपा ने अपना आरोप पत्र जारी किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सरकारी आवास पर संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेताओं ने पार्टी का आरोप पत्र जारी किया। इसमें पहली पंक्ति में आठ नेता बैठे थे, जिसमें छह नेता नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके थे। सुशील मोदी के साथ नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार, सुनील कुमार पिंटू, सत्यनारायण आर्य और रामाधार सिंह नीतीश सरकार में शामिल थे। इनके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधान पार्षद मंगल पांडेय व कुम्हरार के विधायक अरुण सिन्हा शामिल थे। यह भी उल्लेखनीय है कि सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार व सत्यनारायण आर्य स्वाभाविक या जबरिया रूप से मुख्यमंत्री के रूप अपनी दावेदारी जता चुके हैं। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने पार्टी का पंच लाइन जारी किया- ‘मांगे बिहार, भाजपा सरकार’।
नौकरशाही ब्यूरो
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की बदहाली के लिए नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। नीतीश ने ऐसे नेता को सीएम की जिम्मेवारी सौंपी है, जिसे विकास में रुचि नहीं है, प्रशासन पर पकड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता के दो केंद्र बन गये हैं- नीतीश कुमार का आवास और सीएम का सरकारी आवास। विधायक, मंत्रियों व नौकरशाहों की प्रतिबद्धता भी बंटी हुई है। इससे बिहार का बंटाधार हो रहा है। जंगलराज 2 का आगाज, रिमोट सरकार सहमा बिहार आदि नारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में शासन नाम की कोई चीच नहीं है।
विधानसभा में विपक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि सरकार का रिपोर्ट कार्ड झूठ पुलिंदा है और झूठ की नैया पार होने वाली नहीं है। आठ फर्मे यानी 64 पेज के भाजपा के आरोप पत्र में सरकार को कई तरह से घेरने का प्रयास किया गया है। लालू यादव व नीतीश कुमार की दोस्ती से उत्पन्न स्थिति को भाजपा ने बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। आरोप पत्र में सीएम के न्याय के साथ विकास की वार्षिक रिपोर्ट को आंकड़ों का खेल बताया गया है और सरकारी दावों को झूठला दिया गया है।