मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर नीतीश कुमार का दावा बरकरार है। नीतीश चाहें तो वह कभी पद खाली करने को तैयार हैं। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मांझी ने कहा किहमारे नेता नीतीश कुमार हैं। विधानमंडल दल ने उनको ही नेता चुना था। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जब विधायकों ने निर्णय बदलने का दबाव बनाया तो उन्होंने अगले चुनाव के बाद नेता पद स्वीकार करने की बात कही। नीतीश कुमार के इस भरोसा को कोई चुनौती नहीं दे रहा है।
श्री मांझी ने कहा कि विधान सभा चुनाव के बाद विधायक फिर से उन्हें अपना नेता चुन सकते हैं। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी के साथ ही सहयोगी दलों के बीच बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए नेता का चयन हो जाएगा। दावा घोटाले की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार में थे, उस समय दवा घोटाला नहीं हुआ था। इस कारण उन पर आरोप लगाना सही नहीं है।
शिवानंद का तीर
उधर पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार जनता से मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। जब कि बिहार की जनता ने तो 2010 के विधानसभा चुनाव में भरपूर मजदूरी दे दिया था। उल्टे उन्होंने ही उस समर्थन का मान नहीं रखा और बीच में ही कुर्सी छोड़कर किनारे हो गए। जनता ने तो उन्हें 2015 तक सरकार चलाने के लिए समर्थन दिया था। ऐसे में शिकायत तो जनता की बनती है। बिहार की जनता से नीतीश कुमार की शिकायत जायज नहीं है। श्री तिवारी ने कहा कि सही है कि लोकसभा चुनाव में जनता ने नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया। लेकिन लोकसभा का चुनाव तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार बनाने के लिए हो नहीं रहा था। अगर उनके मन में प्रधान मंत्री बनने की इच्छा थी तो उन्हें जनता को बताना चाहिए था। वैसी हालत में अगर बिहार की जनता उनका समर्थन नहीं करती तो उनकी शिकायत जायज मानी जाती। इसलिये बार-बार मजदूरी मार लेने का आरोप लगाकर नीतीश कुमार बिहार की जनता का अपमान कर रहे हैं।