राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि सामाजिक न्याय की ताकतों को कमजोर करने के लिए साजिश की जा रही है। आज पटना में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री ललन सिंह के इशारे पर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है। यह जदयू के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का पूर्व सांसद सुभाष यादव के घर दही-चूड़ा खाने जाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। लेकिन उसी की आड़ में मुख्यमंत्री को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रवक्ता द्वारा मुख्यमंत्री और मंत्री पर बयान देना मर्यादित के विपरीत है और जिम्मेवार पद पर बैठे लोगों को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। कोई भी प्रवक्ता अपने दल के मुख्यमंत्री के निर्णय और कार्यों को चुनौती नहीं दे सकता है।
नौकरशाही ब्यूरो
मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को सीएम पद से हटाए जाने की आशंका से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी निर्णय आत्मघाती होगा। सांसद ने कहा कि जदयू के लोग भाजपा के इशारे पर मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं ताकि इसका लाभ भाजपा को मिल सके। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर हमला करते हुए राजद सांसद ने कहा कि रूपम पाठक के मामले में श्री मोदी पर कई आरोप लगते रहे हैं। कई घोटालों में भी उनका नाम आते रहा है।
श्री यादव ने राजद-जदयू के विलय की संभावना पर चर्चा करते हुए कहा कि जीतनराम मांझी के बिना विलय का कोई औचित्य नहीं है। मांझी के बिना विलय महादलित समाज का अपमान होगा। उन्होंने माना कि दलों के विलय को टाला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की आवश्यकता पड़ी तो यह मौका किसी मुसलमान को मिलना चाहिए। क्योंकि अल्पसंख्यक समाज भी सामाजिक न्याय का व्यापक आधार है। राजद सांसद ने गठबंधन के नेताओं से अपील की कि बिहार में भी झारखंड की स्थिति उत्पन्न नहीं हो, इसका भरसक प्रयास किया जाना चाहिए।
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