स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मंगल पांडेय ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुये आज कहा कि इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सहयोगी दलों के बीच सीट का बंटवारा होते ही राज्य में महागठबंधन का टूटना निश्चित है।
श्री पांडेय ने यहां कहा कि महागठबंधन अभी तक अपने नेता का नाम नहीं बता पाया है। सीट बंटवारे में हो रही देरी से कुनबा का टूटना तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा का अश्वमेध रथ रोकने के लिए कहीं गठबंधन, कहीं महागठबंधन तो कहीं तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट हो रही है। रही सही कसर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरी कर दी, जिसने 20 दलों के नेताओं का जुटान कर प्रधानमंत्री का सपना देख रहे सियासी सूरमाओं की बोलती बंद कर दी।
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व में भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस समेत वामपंथी और समाजवादी नेता देश स्तर पर महागठबंधन बनाने की बात कर रहे थे लेकिन उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने ऐसे दलों को नकार दिया तो आंध्र प्रदेश एवं तेलांगना में केसीआर और वाईएसआर के बीच सियासी खिचड़ी पक रही है। वहीं, बिहार-झारखंड समेत विभिन्न राज्यों में सीटों की चाह को लेकर तथाकथित गठबंधन में संशय बरकरार है। इसमें शामिल दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए मकर संक्रांति के बाद सीटों की घोषणा की बात कही थी लेकिन अभी तक तथाकथित गठबंधन उलझन में फंसा हुआ है।
श्री पांडेय ने कहा कि देश में भाजपा विरोधी पार्टियां वोटों का ध्रुवीकरण रोकने के लिए कोई भी कुर्बानी देने की बात कर रही है, लेकिन उनकी ललक ध्रुवीकरण की राह में रोड़े डाल रहा है। चाहे बात सीटों को लेकर हो या फिर प्रधानमंत्री पद को लेकर स्थिति ‘एक अनार और सौ बीमार’ वाली है।