पटना हाईकोर्ट में कार्यरत व मूल रुप से सीतामढ़ी निवासी एडवोकेट शैलेन्द्र कुमार सिंह की युवा इंजीनियर बेटी प्रज्ञा सिंह (23) की मौत से पटना हाइकोर्ट का वकील समुदाय काफी दुखी है।
विनायक विजेता
गुरुवार को दोपहर पूर्व हाइकोर्ट के बधवा चैंबर में जब शैलेन्द्र सिंह को उनकी बेटी की मृत्यु की खबर मिली तो वह काफी असहज हो गए। किसी तरह उनके मित्रों ने उन्हें संभाला और दिल्ली के लिए रवाना किया। दिल्ली के नोएडा स्थित एचसीएल में ट्रेनी इंजीनियर के पद पर काम कर रही प्रज्ञा सिंह की मौत गुरुवार को नोएडा में तब हो गई जब वह अपने ही कार्यालय में कार्यरत सह रुम पार्टनर नविता वर्मा के साथ कार्यालय जा रही थीं।
इसी बीच नोएडा के सेक्टर-44 में उसकी आटो को पीछे से आ रही एक स्कूली बस ने आगे जा रही एक अन्य स्कूली बस के बीच रौंद डाला। इस घटना में यूपी निवसी ऑटो चालक बिनोद कुमार व प्रज्ञा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर स्थिति में घायल नविता वर्मा को पास के कैलाश अस्पताल में दाखिल कराया गया (अस्पताल में नविता) जहां अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हादसा कितना भयंकर था इसका अंदाजा उस ऑटो की हालत को देखकर ही लगाई्र जा सकती है। गुरुवार को जैसे ही पटना हाइकोर्ट में इस हादसे की खबर पहुंची पूरे बधवा चैंबर में मातम पसर गया. गौरतलब है कि शैलेन्द्र कुमार सिंह आगामी 13 मई को होने वाले बार-एसोसिएशन के चुनाव में महासचिव पद के प्रत्याशी हैं और पिछले दिनों ही उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है.
दो बहनो और भाइयों में सबसे बड़ी प्रज्ञा ने बी-टेक करने के बाद पिछले वर्र्ष ही नोएडा स्थित ‘हिन्दुस्तान क्म्पीयूटर लिमिटेड’ कंपनी में ज्वाइन किया था जबकि इलाहाबाद की रहने वाली उसकी मित्र नविता (24) ने छह माह पूर्व ‘एचसीएल’ में अपना योगदान दिया। पोस्टमार्टम के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रज्ञा के शव को दिल्ली में ही उसके पिता और परिजनों को सौंप दिया। शव को सड़क मार्ग से प्रज्ञा के पैतृक घर सीतामढ़ी लाया जा रहा है। बधवा चंैबर के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को चैंबर में ही एक शोक सभा कर प्रज्ञा के पिता व अपने सहयोगी शैलेन्द्र कुमार सिंह को दुख के इस घड़ी में साहस और संयम बरतने और मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना की।