सीतामढ़ी जिले की एक अदालत ने बहुचर्चित समाहरणालय गोलीकांड मामले में आज पूर्व सांसद अनवारूल हक, नवल किशोर राय, भाजपा विधायक रामनरेश यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया है।
सजा चार जून को सुनायी जाएगी
सीतामढ़ी तदर्थ सत्र न्यायाधीश मोहम्मद इरशाद अली ने यहां मामले में सुनवाई करने के बाद पूर्व सांसद अनवारूल हक, नवल किशोर समेत 15 लोगों को भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए चार जून की तिथि निर्धारित की गयी है। मुकदमें के प्रमुख आरोपियों में दो पूर्व सांसद नवल किशोर राय और मो.अनवारुल हक के अलावा राजद नेता मनोज कुमार सहित 73 लोगों के नाम शामिल थे, जिनमें से पुलिस ने 60 लोगों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप गठित किया था। शेष लोगों को बरी कर दिया गया है।
1988 की थी घटना
उल्लेखनीय है कि बाढ़ राहत की मांग को लेकर सीतामढ़ी समाहरणालय के समक्ष 11 अगस्त 1998 को सर्वदलीय धरना – प्रदर्शन आयोजित किया गया था। कुछ ही देर में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और समाहरणालय परिसर में घुस कर तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए तत्कालीन समाहर्ता के आदेश पर अश्रु गैस छोड़े गये और लाठी चार्ज किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी इस पर और उग्र हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें समाहर्ता और आरक्षी अधीक्षक सहित कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गये । स्थिति अनियंत्रित होती देख पुलिस ने आठ चक्र गोलियां चलायी, जिसमें पूर्व विधायक राम चरित्र राय, भाकपा नेता डा. अयूब, मोनिफ अंसारी, महंथ मंडल और रामपरी देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी ।