कांग्रेस नेता शकील खान( बीच में) व बेदारी कारवां ने दंगा के खिलाफ मजबूत संघर्ष किया

नौकरशाही डॉट कॉम को पता चला है कि सीतामढ़ी दंगा व मॉब लिंचिंग के खिलाफ सामाजिक संगठनों व असेम्बली में विपक्ष के दबाव के बाद बिहार सरकार की नींद खुलती दिख रही है.

कांग्रेस नेता शकील खान( बीच में) व बेदारी कारवां ने दंगा के खिलाफ मजबूत संघर्ष किया

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

राज्य सरकार इस मामले में तबाह लोगों को भी मुआवजा देने के साथ दोषियों पर कार्वाई करने की तैयारी में है. एक सूत्र का कहना है कि राज्य सरकार उन पीड़ितों की पहचान कर रही है जिनकी दुकानें, गाड़ियां या घरों में तोड़फोड़ की गयी. उन पीड़ितों को मुआवजा दिया जायेगा.

[divider]

पढ़ें-   EXCLUSSIVE: सीतामढ़ी दंगा के मास्टरमाइंड थे ‘नेताजी’,दंगा से पहले बांटी थी शराब

[divider]

मालूम हो कि  20 अक्टूबर को दुर्गापूजा के अवसर पर भड़के दंगा के बाद सीतामढ़ी के बोरहां के जैनुल अंसारी नामक वुजुर्ग की हत्या के बाद जला डाला गया था जबकि एक अन्य बुजुर्ग सबीर अंसारी को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था जबकि अनेक वाहनों में आग लगाई गयी थी और अनेक दुकानें लूट ली गयी थीं.

[divider]

सीतामढ़ी दंगा पर नीतीश की आपराधिक चुप्पी तोड़वा के रहेंगे- शकील खान

[divider]

लेकिन इस मामले में मात्र जैनुल अंसारी के परिवार को ही पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था जबकि अन्य लोगों को कोई सरकारी मदद नहीं दी गयी थी.

इस घटना पर मेनस्ट्रीम मीडिया ने चुप्पी साध ली थी. लेकिन नौकरशाही डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल नौकरशाही मीडिया पर इस घटना को प्रमुखता से दिखाया गया था.

उधर इस मामले में मुस्लिम बेदारी कारवां, युथ वेल्फेयर एसोसिएशन तथा अन्य संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाया और प्रदर्शन किया.

दूसरी तरफ कांग्रेस के कदवां विधायक व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शकील खान ने इस सरकार पर दबाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

चूंकि इस मामले पर पंद्रह दिनों तक किसी भी विपक्षी दल ने आवाज नहीं उठाई तब शकील खान ने नौकरशाही डॉट कॉम से वादा किया था कि वह इस मामले को विधानसभा में मजबूती से उठायेंगे. शकील खान ने इसके लिए दो हफ्ते तक तैयारी की. उन्होंने तमाम विपक्षी दलों को पत्र लिखा. जरूरत पड़ी तो वह अनेक विपक्षी दलों से मिले भी और विधानसभा का सत्र शुरू होते ही उन्होंने इस मामले को उठाया. इसका नतीजा हुआ कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में मजबूती से आवाज उठायी गयी और विधान सभा को चलने नहीं दिया गया. इसमें  कांग्रेस, राजद के अलाव वामपंथी दलों को शकील खान ने एकजुट किया.

शकील खान ने बताया है कि जब तक इस मामले में दोषियों को सलाखों के भीतर नहीं पहुंचाया जायेगा और उनके खिलाफ स्पीडी ट्रायल नहीं किया जायेगा तब तक वह चुप नहीं बैठेंगे.

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427