Indian politician and leader of Rashtriya Janata Dal, Lalu Prasad Yadav arrives at a special court held by Central Bureau of Investigation (CBI) for a verdict on fraudulent transfer of public money, in Ranchi, India, Monday, Sept. 30, 2013. Lalu was convicted by the court in the case, largely termed as fodder scam, where money was illegally withdrawn from the treasury by Animal Husbandry Department when he was the chief minister of the central Indian state of Bihar. The quantum of the sentence will be declared on Oct. 3. (AP Photo/Sasanka Sen)

करोड़ों रूपयों के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा,  पूर्व सांसद आर. के .राणा समेत 29 अभियुक्त केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत में सशरीर हाजिर हुए।

Indian politician and leader of Rashtriya Janata Dal, Lalu Prasad Yadav arrives at a special court held by Central Bureau of Investigation (CBI) for a verdict on fraudulent transfer of public money, in Ranchi, India, Monday, Sept. 30, 2013. Lalu was convicted by the court in the case, largely termed as fodder scam, where money was illegally withdrawn from the treasury by Animal Husbandry Department when he was the chief minister of the central Indian state of Bihar. The quantum of the sentence will be declared on Oct. 3. (AP Photo/Sasanka Sen)

 

 

 

चारा घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी की मामले में पिछले तिथि के आदेश के अनुपालन में आज राजद प्रमुख श्री यादव समेत सभी अभियुक्त न्यायालय में सशरीर उपस्थित हुए थे। कुल 30 आरोपितों में से केवल एक को छोड़कर बाकी सभी सशरीर पेश हुए। एक गैर हाजिर अभियुक्त की ओर से बीमारी के आधार पर वकालतन हाजिरी दी गयी थी। अदालत ने सभी आरोपितों को सशरीर उपस्थित रहने का यह आदेश मामले के एक अभियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अरोपित अधिकारी के. मुरूगन की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद दी थी। अदालत ने मृत अभियुक्त के संबंध में रिपोर्ट मांगते हुए मामले में दस मई की अगली तिथि निश्चित की है।

 

मामला अविभाजित बिहार के भागलपुर कोषागार और बांका उप कोषागार से फर्जी विपत्रों के आधार पर पशुपालन विभाग में की गयी 40 लाख रूपयों से अधिक की अवैध निकासी का है। सीबीआई ने मामले की प्राथमिकी वर्ष 1996 में दर्ज की थी। मामले में श्री यादव , डा. मिश्रा समेत कई सांसद , विधायक और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और पशुपालन विभाग के चिकित्सक एवं कर्मचारी आरोपित है।  इस बीच अदालत में पेशी के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री यादव ने कहा कि वह अदालत का पूरा सम्मान करते हैं और उन्हें अदालत से पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुझ पर अक्सर यह आरोप लगता रहा है कि मैं अदालत की सुनवाई में शामिल नहीं होता तो मैं आज हाजिर हूं।

By Editor


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