दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के कार्यलय पर पड़े CBI छापे में मचे देशव्यापी कोहराम का तार पटना के आईएएस बाबू से जोड़ कर देखा जा रहा है. यह आईएएस हैं राजेंद्र कुमार और केजरीवाल के प्रधान सचिव हैं.
नौकरशाही डेस्क
1989 बैच के आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार पर कई करोड़ रुपए के सीएनजी फिटनेस घोटाले में शामिल होने का आरोप है. केंद्र सरकार का कहना है कि यह छापा सीएम केजरीवाल के दफ्तर पर नहीं मारा गया बल्कि राजेंद्र कुमार जो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं, उन पर मारा गया है. उनके घर से 12 लाख रुपए नकद और तीन अचल संपत्तियों के कागजात मिले हैं
राजेंद्र कुमार नेतरहाट से पढे लिखे हैं और वह पटना के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया है. उन्होंने मौजूदा झारखंड के नेतरहाट से 1979 से लेकर 1984 तक शिक्षा ली थी.
दिल्ली की तत्कालीन सीएम सीएम शीला दीक्षित के समय सीएनजी किट लगाने का ठेका बिना टेंडर के जारी किया गया था. इसी मामले में उन पर आरोप है.
गौरतलब है कि सीबीआई ने मंगलवार की सुबह सीएम केजरीवाल के दफ्तर पर छापा मारा. इसके बाद केजरी वाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को साइकोपेथ तक कह डाला. यह मामला संसद के दोनों सदनों में भी उठाया गया. जद यू के वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में ऐसी मिसाल कभी देखने को नहीं मिली.
48 वर्षीय राजेन्द्र कुमार दिल्ली सरकार में परिवहन, माध्यमिक शिक्षा, ऊर्जा जैसे विभाग में कार्य कर चुके है. हालांकि राजेंद्र, अरविंद केजरीवाल के काफी भरोसेमेंद आईएएस माने जाते हैं. इसी कारण उन्होंने अपने दोनों मुख्यमंत्रित्व काल में अपना प्रधानसचिव मुकर्रर किया.