सीबीएसई ने उससे संबद्ध स्कूलों को कैशलेस तरीके से फीस लेने की हिदायत जारी की है जबकि सच्चाई यह है कि केंद्रीय विद्यालयों में दो साल पहले से ही ईपेमेंट से ही फीस अदा की जा रही है.
हालांकि खबरों में बताया गया है कि सीबीएससी ने इस सिलसिले में देश भर के स्कूलों को इस आशय में चिट्ठी लिखी गई है.
सीबीएसई के सेक्रेटरी जोसेफ इमेनुअल की तरफ से जारी की गई इस चिट्ठी मेंलिखा गया है ‘चूकिं ज्यादातर स्कूल हर तीन महीने में छात्रों से फीस लेते है, और अगली तिमाही में जनवरी महीने में फीस अभिभावकों को भरना है, इसलिए स्कूल जल्द से जल्द नो कैश सिस्टम अपने यहां लागू कर लें.’
जबकि सच्चाई यह है कि सीबीएससी के अधीन संचालित देश के हजार से ज्यादा स्कूलों में फीस नेट ट्रांस्फर के द्वारा पहले से ही अदा की जाती है. ऐसे में सीबीएससी के सेक्रेटरी द्वारा दोबारा लिखी चिट्ठी का औचित्य क्या है?
सीबीएसई ने अपने पत्र में शिक्षकों की सैलरी भी बैंक से ट्रांसफर करने को कहा है. इसके आलावा किसी भी तरीके का परीक्षा शुल्क, एफिलिएशन फीस में भी, ई पेमेंट मोड को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है.