राष्ट्रीय जनता दल के लिए लालू प्रसाद का कितना महत्व है, यह दुनिया जानती है. पर लालू के लिए शहाबुद्दीन क्या मायने रखते हैं, इसका सुबूत सीवान की हजारों जनता के सामने लालू ने पेश किया.
नौकरशाही ब्यूरो
रविवार की सभा में लालू के भाषण में शहाबुद्दीन छाये ही नहीं रहे बल्कि तारीफ का केंद्र बिंदु रहे.राष्ट्रीय जनता दल की यह सभा पूर्व मंत्री अवध बिहारी चौधरी की घर वापसी के लिए आयोजित थी. वह जद यू से फिर राजद में वापस हुए हैं. इसी लिये यह आयोजन रखा गया था. लेकिन इस आयोजन में न सिर्फ अवध बिहार चौधरी ने, बल्कि लालू ने भी अपने भाषण को शहाबुद्दीन पर केंद्रित रखा. सबसे पहले लालू ने ताल ठोक कर स्वीकार किया कि उन्होंने शहाबुद्दीन से, जब वह सीवान जेल में थे तो बात की थी. लालू ने कहा कि उनसे शहाबुद्दीन ने रामनवमी के अवसर पर बात की थी और बताया था कि वहां साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति है और एसपी की भूमिका संदिग्ध है. लालू ने साफ किया कि शहाबुद्दीन ने उनसे जेल का फाटक खोलवाने के लिए तो कुछ नहीं कहा.
उन्होंने सवालिये लहजे में कहा कि नीतीश कुमार अनंत सिंह से बात कर सकते हैं तो मैं शहाबुद्दीन से क्यों नहीं बात कर सकता. लालू ने शहाबुद्दीन की जम कर तारीफ करते हुए कहा कि नीतीश ने जब उन्हें आफर किया कि वह राजद छोड़ दें तो शहाबुद्दीन ने करारा जवाब दिया था कि वह इस जन्म में राजद नहीं छोड़ सकते. लालू ने शहाबुद्दीन द्वारा दिये इस जवाब के लिए सीवान की जनता के सामने उनका शुक्रिया अदा किया. लालू यही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि जब कानूनी बाध्यताओं से शहाबुद्दीन चुनाव नहीं लड़ सकते थे तो उन्होंने कभी अपनी पत्नी के लिए उनसे टिकट नहीं मांगा.
लालू प्रसाद ने अपने भाषण के दौरान अनेक बार शहाबुद्दीन के कथनों को याद किया. भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा था कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के सीएम हैं. लालू ने इस बात को दोहराया और नीतीश पर वार करते हुए कहा कि वह पलटू राम हैं.