उच्चतम न्यायालय ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की भारी रिक्तियों के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई पर रोक से आज यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शीर्ष अदालत खुद की समस्याओं से मुंह नहीं चुरा सकती।
केंद्र सरकार की ओर से एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ के समक्ष दलील दी कि न्यायिक नियुक्तियों में देरी को लेकर एक मामला पहले ही शीर्ष अदालत में चल रहा है और इस मामले में समानांतर सुनवाई पर रोक लगायी जानी चाहिए। हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायपालिका की समस्या रख रहा है, लेकिन हम खुद की समस्या से ही मुंह चुरा लें तो फिर कैसे चलेगा? न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि वह संबंधित याचिकाओं की सुनवाई को तैयार हैं और ऐसी स्थिति में इनकी विस्तृत सुनवाई के बाद ही कोई फैसला सुनाया जाएगा। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले माह की तारीख मुकर्रर की।