सुपर30 की कामयाबी के दावे के पर IIT छात्रों ने ठोका केस, गोवाहाटी हाई कोर्ट ने आनंद-अभ्यानंद को थमाया नोटिस.
इंजीनियिरंग की कोचिंग कराने वाले सुपर30 के दावे पर यूं तो अकसर विवाद उठते रहे हैं लेकिन यह पहला अवसर है जब इसके दावे को गोवाहाटी हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया है. गोवाहाटी की अदालत ने सुपर30 के फाउंडर आनंद कुमार और कुछ वर्षों तक उनके साथ रहे पूर्व डीजीपी अभ्यानंद को नोटिस जारी किया है. इस मामले में आइआइटी, गुवाहाटी के चार विद्यार्थियों की जनहित याचिका दायर की थी. सुनवाई करते हुए गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार और पूर्व डीजीपी अभयानंद को नोटिस जारी किया है। दोनों को आठ सप्ताह के अंदर सफल बच्चों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है।
पूर्व डीजीपी अभयानंद भी सुपर-30 से जुड़े रहे हैं।
अंग्रेजी अखबार टेलिग्राफ की वेबसाइट के अनुसार अदालत के कार्यवाहक चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस अजित बोरठाकुर की बेंच ने यह नोटिस जारी किया है.
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याचिकाओं में कहा गया है कि सुपर-30 की प्रवेश परीक्षा में शामिल कराने के बाद पटना पहुंचने पर आनंद अपने कोचिंग संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में ऊंची फीस 33 हजार रुपये वसूल कर नामांकन लेते हैं।
याद रहे कि आनंद कुमार पर आरोप लगता रहा है कि वह सुपर30 के 30 बच्चों की लिस्ट कभी जारी नहीं करते. जबकि मांग उठती रही है कि रिजल्ट निकलने से पहले उन्हें बताना चाहिए कि वे कौन से 30 छात्र हैं जो सुपर 30 में पढ़ते हैं. लेकिन आनंद ने ऐसा नहीं किया. उन पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा संचालित रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स के छात्रों को ही वह सुपर 30 का छात्र बता देते हैं.
इस बीच पूर्व डीजीपी अभयानंद ने जागरण से कहा कि उन्हें हाईकोर्ट से किसी तरह की नोटिस नहीं मिली है। नोटिस प्राप्त होने के बाद ही किसी तरह की प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा कि वह पिछले दो साल से अभयानंद सुपर-30 के छात्रों की सूची और पूरी डिटेल जारी कर रहे हैं। सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार के भाई प्रणव कुमार ने कहा कि कोर्ट में कोई भी कुछ भी पीटिशन डाल सकता है। किसी तरह की नोटिस प्राप्त नहीं हुई है। नोटिस प्राप्त होने के बाद विधिवत जानकारी दी जाएगी।