भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में जल्दी सुनवाई से उच्चतम न्यायालय ने आज इन्कार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए श्री स्वामी की जल्दी सुनवाई की याचिका से इन्कार करते हुए उन्हें पक्षकार न मानने के साथ ही समय की कमी बताते हुए जल्द सुनवाई के अनुरोध से इन्कार कर दिया ।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान इस मामले के पक्षकारों की दलील थी कि श्री स्वामी इस मुकदमें में पक्ष नहीं है, न्यायालय ने श्री स्वामी से कहा कि हमें आपने यह जानकारी नहीं दी कि आप मुख्य मुकदमे में पक्ष नहीं है। श्री स्वामी ने स्वयं स्वीकार किया कि वह इस मुकदमें में पार्टी नहीं हैं, किन्तु इसे वह धार्मिक आस्था का मामला मानते हैं और इसलिए जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है। श्री स्वामी ने कहा कि उनका इस विवाद में संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने याचिका केवल अपने पूजा करने के अधिकार की वजह से दायर की है। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने इस विवाद की जल्दी सुनवाई के अनुरोध को इन्कार कर दिया ।