उच्चतम न्यायालय ने देश में आईआईटी-जेईई की काउंसलिंग और दाखिले पर लगी रोक आज हटा ली।  न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो-सदस्यीय पीठ ने गत सात जुलाई का अपना स्थगनादेश वापस लेते हुए यह स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए। यह विवाद दो गलत सवालों पर सभी को अतिरिक्त अंक दिये जाने को लेकर था।


शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों से किसी भी तरह की दुविधा की स्थिति पैदा होने से बचने के लिए, आईआईटी में दाखिले और काउंसलिंग के संबंध मे किसी याचिका में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है।
गौरतलब है कि न्यायालय ने बोनस अंक देने के विवाद पर सुनवाई करते हुए आईआईटी और एनआईटी में होने वाली काउंसलिंग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान आईआईटी-जेईई के एडवांस कोर्स में सभी उम्मीदवारों को अतिरिक्त सात अंक दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा था। यह अतिरिक्त सात अंक हिदी भाषा के प्रश्नपत्र में प्रिंटिंग की गलती के मद्देनजर दिए गए।

 
इससे पहले इस मामले में शीर्ष अदालत ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए काउंसलिंग में दखल देने से इन्कार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने आईआईटी-मद्रास को भी नोटिस जारी किया था, जिसने 2017 के लिए परीक्षा का आयोजन किया था।

By Editor


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