उच्चतम न्यायालय ने लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि 2014 में लोकपाल अधिनियम बनने के बावजूद अभी तक इस पर अमल क्यों नहीं हुआ? मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से पूछा कि संसद में 2014 में लोकपाल संबंधी विधेयक पारित होने के बावजूद अब तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं हुई?
लोकपाल के मुद्दे पर जतायी नाराजगी
न्यायमूर्ति ठाकुर ने श्री रोहतगी से पूछा कि आखिर अब तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हुई। न्यायालय इस तरह लोकपाल की नियुक्ति में देरी होते नहीं देख सकता है। उन्होंने कहा कि आप (सरकार) भ्रष्टाचार मिटाने को लेकर अपनी रुचि प्रदर्शित करते नजर आ रहे हैं, लेकिन लोकपाल विधेयक में संशोधन क्यों नहीं ला रहे हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए कोई तारीख निर्धारित करनी होगी।
इधर एटर्नी जनरल ने कहा कि लोकपाल अधिनियम में संशोधन करना है। इसके लिए विधेयक संसद में लंबित है। अधिनियम के मुताबिक सर्च कमेटी में नेता विपक्ष को शामिल किया जाना है, लेकिन अभी कोई नेता विपक्ष नहीं है। इसलिए सबसे बड़ी पार्टी के नेता को समिति में शामिल करने के लिए अधिनियम में संशोधन करना है और यह संसद में लंबित है। मामले पर अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी।