उच्चतम न्यायालय ने मुख्य सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी और सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन की नियुक्ति के विरुद्ध दायर याचिका पर आज केंद्र सरकार तथा दोनों आयुक्तों से जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने नौकरशाहों के एक संगठन ‘सेंटर फॉर इंटेग्रिटी, गवर्नेन्स एंड ट्रेनिंग इन विजिलेंस एडमिनिस्टेशन’ तथा गैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किये। शीर्ष अदालत ने नोटिस के जवाब के लिए इन सभी को चार सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिकाओं में दोनों सतर्कता आयुक्तों को दागी बताया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि श्री चौधरी ने आयकर विभाग में रहते शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा को फायदा पहुँचाया था, जिससे चड्ढा का करोड़ों रुपये का कर बचा था। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने हवाला आरोपी मोईन कुरैशी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा को फंसने से बचाया।
श्री भसीन पर सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रहते अपने मातहत एक अधिकारी प्रोन्नति से जुड़े दस्तावेजों में फर्जीवाड़े का आरोप है। इस बारे में उनके खिलाफ सीवीसी जांच भी हुई थी। कॉमन कॉज़ के वकील प्रशांत भूषण ने दोनों सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज सरकार से मांगे जाने का भी अनुरोध किया, इस पर न्यायालय ने उन्हें इस बारे में अलग से अर्जी दाखिल करने को कहा।