सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों द्वारा चीफ जस्टिस पर मनमानी के आरोपों के बाद पीएम मोदी के प्रधानसचिव नृपेंद्र मिश्रा को भारी मायूसी हाथ लगी है. वहज चीफ जस्टिस से मिलने पहुंचे पर उनके आवास के बाहर वह 5 मिनट खड़े रहे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी.
टीवी रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नृपेंद्र मिश्रा को चीफ जस्टिस के आवास से बिन मिले लौटना पड़ा है. हालांकि अटर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि उम्मीद है कि पूरा मामला सही ढंग से निपट जाएगा.
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों- जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरिन जोसेफ ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मनमानी का आरोप लगाया था. भारतीय सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सिटिंग जजेज ने इतने गंभीर आरोप लगाये. इसके लिए बाजाब्ता उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की.
इस घटना के बाद न्याय जगत में हड़क्म्प मच गया.
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री से बात की. उधर विपक्षी दलों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. राहुल गांधी ने कहा कि चार जजों के पक्ष को सुनना चाहिए और इस मामले का उचित हल निकलना चाहिए.