अब सुब्रत राय और उनके दो निदेशक 9 अप्रैल तक जेल में ही रहेंगे। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की पीठ के समक्ष सहारा समूह ने कहा कि वह 2,500 करोड़ रुपये का तत्काल और शेष 2,500 करोड़ रुपये का नकद भुगतान, राय तथा दो निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी की जेल से रिहाई के बाद तीन सप्ताह के भीतर कर सकता है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले यह शर्त लगायी थी कि यदि राय दस हजार करोड़ रुपये में से पांच हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और शेष पांच हजार करोड़ रुपये नकद भुगतान करें तो उन्हें जमानत पर छोड़ा जा सकता है।
साथ ही कोर्ट ने सहारा से कहा था कि वह अपना प्रस्ताव रजिस्ट्री में दाखिल करे और फिर उस पर विचार किया जाएगा। निवेशकों का बीस हजार करोड़ रुपये सेबी के पास जमा कराने के शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं करने के कारण राय और सहारा समूह के दो अन्य निदेशक 4 मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं।
सुब्रत राय ने इससे पहले कोर्ट में दलील दी थी कि निवेशकों का बीस हजार करोड़ रुपये सेबी के पास जमा नहीं