पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर हमला जारी है. शुक्रवार को सुमो ने एक संवाददाता सम्मलेन के दौरान लालू यादव पर सामाजिक न्याय की आड़ में अपने परिवार को अरबपति बनाने का आरोप लगते हुए कहा कि लालू प्रसाद 21वीं सदी के बिहार के सबसे बड़े जमींदार हैं. गरीबों का पैसा लूटकर लालू परिवार ने न केवल अकूत संपत्ति कमायी है, बल्कि मंत्री बनाने, टिकट देने, किसी तरह की मदद के लिए खूब सारी जमीनें भी लिखवायी है.
नौकरशाही डेस्क
संवाददाता सम्मलेन में उन्होंने कहा कि 17 जनवरी, 2005 को Lara Interiors Pvt. Ltd., Office F-8, Patna Super Market, Frazer Road, Patna के नाम से कम्पनी गठित की गयी. 22 मार्च, 2010 को इस कम्पनी का नाम बदलकर Lara Distributors Pvt. Ltd. 208, कौटिल्य नगर, पटना कर दिया गया. डा. मीसा भारती, चन्दा यादव, राबड़ी देवी, रागिनी लालू इस कम्पनी के Directors नियुक्त किए गए जो अभी तक Director बने हुए हैं.
सुमो ने इन आरोपों के सम्बन्ध में दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि तेज प्रताप 21 अप्रैल, 2010 को डक् नियुक्त किए गए परन्तु 2015 विधान सभा चुनाव परिणाम के बाद 9 नवम्बर, 2015 को हट गए. तेज प्रताप इस कम्पनी में अभी भी 2 लाख 51 हजार शेयर के हिस्सेदार हैं. इसके अतिरिक्त मीसा भारती (1000) चन्दा यादव (2000) राबड़ी देवी (1 लाख 17 हजार) और रागिनी (1 लाख) शेयर के हिस्सेदार हैं. तेज प्रताप यादव द्वारा 2010 में औरंगाबाद में 7 लोगों से 53 लाख 34 हजार रूपये की कुल 45-24 डिसमिल जमीन खरीदी गयी.
उन्होंने ने कहा कि 2 फरवरी, 2012 को इस जमीन को Mortgage कर मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, औरंगाबाद से 2 करोड़ 29 लाख का कर्ज प्राप्त किया किया. 2015 के विधान सभा चुनाव के समय चुनाव आयोग तथा बिहार सरकार के समक्ष सम्पत्ति का ब्यौरा देते समय इस सम्पत्ति के ब्यौरे को छिपा लिया गया. उपरोक्त सम्पत्ति को Mortgage कर 2 करोड़ 29 लाख के कर्ज को भी चुनाव आयोग तथा बिहार सरकार में घोषित सम्पत्ति के ब्यौरे में छिपा लिया गया.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से लालू यादव से पूछा कि 2010 में 20 वर्ष की आयु में 45.24 डिसमिल जमीन खरीदने के लिए 53 लाख 34 हजार रूपये कहाँ से आये? वे बताएं, इस 45 डिसमिल जमीन जिसकी आज कीमत 15 करोड़ से कम नहीं होगी को क्यों चुनाव आयोग एवं राज्य सरकार से छिपा लिया गया? इस जमीन पर 2 करोड़ 29 लाख का कर्ज है, इसे क्यों छिपा लिया गया? इस जमीन की खरीद Lara Dist. नहीं बल्कि व्यक्तिगत तेज प्रताप यादव के नाम से की गयी थी. औरंगाबाद में हाईवे पर अवस्थित इतनी महत्वपूर्ण जमीन को जानबूझकर छिपा लिया गया. क्या मुख्यमंत्री ऐसे मंत्री को बर्खास्त करेंगे? चुनाव आयोग के संज्ञान में इस तथ्य को लाया जाएगा ताकि वह आगे की कानूनी कार्रवाई कर सके.