भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के फेसबुक वाल पर हमला का जिम्मा जदयू के विजय कुमार चौधरी ने थाम लिया है। विजय चौधरी जलसंसाधन मंत्री भी हैं। फेसबुल वाल व पेज पर नीतीश कुमार बहुत कम लिख रहे हैं। जो लिख रहे हैं, उसमें उनकी राजनीति कम, वैराग्यभाव ज्यादा दिखता है। उनकी पोस्ट में वाणप्रस्थ दशा का अहसास होता है। जबकि उनके सहयोगी रहे सुशील मोदी हमलावर हैं। उनका हमला आमतौर नीतीश कुमार व लालू यादव पर केंद्रित होता है। नीतीश के बचाव में विजय चौधरी सुशील मोदी के आरोपों का जवाब देते नजर आते हैं।
बिहार ब्यूरो
रविवार को सुशील मोदी ने राज्य के वर्तमान हालात के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं। उनका आरोप है कि यदि राज्य में एनडीए नहीं टूटता तो विकास की लय भी नहीं टूटती। आज केन्द्र की तरह बिहार में भी एनडीए की सरकार होती और विकास अबाध रहता। इसके जबाव में जदयू के विजय चौधरी ने लिखा है कि इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है ? भाजपा अफवाह की सियासत करने में माहिर है।लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेताओं ने नैतिकता को ताक पर रखकर नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा। उन्होंने उच्च नैतिक आचरण का परिचय देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया और जीतन राम मांझी जी मुख्यमंत्री बने। सच यही है कि नीतीश कुमार जी का निर्णय नैतिक तथा सैद्धांतिक है और इसमें व्यक्तिगत भावों की कोई भूमिका नहीं है।
अपनी पोस्ट में सुशील मोदी ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीधे तौर पर सामना करने से बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और केंद्र से झगड़ने वाली सरकार जनता पर थोप दी। इसके जवाब में श्री चौधरी ने लिखा है कि भाजपा के नेता कहने लगे कि नरेंद्र मोदी का सामना नहीं करना पड़े और उनसे हाथ न मिलाना पड़े इसी वजह से नीतीश जी ने इस्तीफ़ा दिया। यह भी एक बड़ा झूठ है। बीते वर्षों में दिल्ली में होने वाली राज्यों में मुख्यमंत्रियों की बैठक में नीतीश जी और नरेंद्र मोदी जी कई बार आमने-सामने हुए।लोकसभा चुनाव के बाद भी बिहार के हित में जीतन राम मांझी जी प्रधानमंत्री मोदी मिले हैं, उनसे इत्मीनान से बात की है।