मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पूरे तामझाम के साथ अपने दस वर्षों की उपलब्धियों का खाका प्रस्तुत किया और कहा कि अगले दस वर्षों की जनता की अपेक्षाओं का ‘विजन पत्र’ तैयार करेंगे। इसके लिए राज्य की 4 करोड़ आबादी की राय विभिन्न माध्यमों से संकलित की जाएगी और उसी के आधार पर विजन पेपर को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह काम आगामी आठ से दस सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। यानी विधान सभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले। ‘बढ़ रहा बिहार’ नामक अभियान की शुरुआत सीमए नीतीश कुमार ने यह जानकारी दी।
नौकरशाही ब्यूरो
इन दस सप्ताहों के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पूरा फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसमें संवाद, गोष्ठी से लेकर सीएम के साथ नाश्ता भी शामिल है। इसके लिए पीआरडी ने कई कंपनियों को ठेका सौंपा है। उन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी आज प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी आगाज करा दी। यह टीम पूरे ‘गाजे-बाजे’ के साथ उपस्थित थी। लेकिन इस टीम का इंटरएक्शन बहुत ज्यादा नहीं था। जब मैंने आइपीआरडी सचिव प्रत्यय अमृत से इवेंट टीम की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने अनभिज्ञता जतायी, जबकि उन्हीं के विभाग के साथ मिलकर टीम को काम करना है।
सुर-ताल का अभाव
इवेंट टीम में शामिल लोगों का इंटरएक्शन बहुत ज्यादा नहीं है। हमने कई लोगों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी अपने या टीम के बारे में कुछ बताने में रुचि नहीं ले रहे था। नीतीश कुमार बार-बार संवाद और संबंध को जिक्र कर रहे थे, लेकिन जिस टीम को संवाद का जिम्मा सौंप रहे हैं, उसे ही संवाद में रुचि नहीं है। टीम बैंड-बाजा के साथ थी। प्रिंटर से लेकर फैक्स मशीन तक संवाद कक्ष में टीम उपलब्ध थी।
प्रचार में पेंच
संवाद के बहाने नीतीश कुमार अपनी ब्रांडिंग के साथ जनता का फीडबैक भी लेना चाहते हैं। लेकिन इस ब्रांडिंग में सबसे बड़ी बाधा सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी की तस्वीर नहीं लगायी जा सकती है। मल्टी मीडिया कंपेन की नोडल एजेंसी पीआरडी है और इसका खर्चा भी सरकार उठाएगी। वैसे में किसी भी गोष्ठी से लेकर वीडियो कंपेन में सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। किसी मंत्री की तस्वीर भी नहीं लगायी जा सकती है। फिर ‘छुछे’ नाम की ब्रांडिंग कितना प्रभावी होगा, कहा नहीं जा सकता है।
पूरी सरकार मौजूद
कार्यक्रम में सीएम के अलावा पीआरडी मंत्री विजय चौधरी, वित्तमंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव समेत लगभग सभी मंत्री मौजूद थे। इस मौके पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त एसके नेगी, गृह सचिव अमीर सुबहानी समेत लगभग सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव मौजूद थे।