सुशील मोदी की पुस्तक ‘लालू-लीला’ का विमोचन ११ अक्टूबर को.
इस पुस्तक की प्रस्तावना रविशंकर प्रसाद ने लिखी है जबकि अरुण जेटली ने इस पुस्तक पर टिपण्णी लिखी है.
लालू परिवार की भ्रष्टाचारजनित अकूत बेनामी सम्पत्ति पर केन्द्रित सुशील कुमार मोदी द्वारा लिखी व प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘लालू-लीला’ का लोकार्पण लोकनायक जेपी की जयंती 11 अक्तूबर, 2018 को विद्यापति भवन के सभागार में अपराह्न 01 बजे होगा। इसके पहले श्री मोदी की अपातकाल के दौरान जेल यातना के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक ‘बीच समर में’ तथा लालू प्रसाद के चारा घोटाले पर लिखी गयी पुस्तिका ‘चारा चोर, खजाना चोर’ चर्चित रही हैं।
सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘लालू-लीला’ में श्री मोदी ने खोखा कम्पनियों, दान, वसीयत, पावर ऑफ एटॉर्नी और हर काम के बदले जमीन-मकान हथियाने के लालू परिवार के नायाब फंडे का सिलसिलेवार खुलासा किया है। श्री मोदी के अनुसार सत्ता और राजनीति लालू प्रसाद और उनके परिवार के लिए किस तरह से अवैध सम्पत्ति अर्जित करने का जरिया बनी, इसे पुस्तक उजागर करती है। लालू प्रसाद ने पत्नी, बेटों, बेटियों के लिए ही नहीं, आनेवाली तीन-तीन पीढ़ियों के लिए भी सम्पत्ति बटोरी हैं।
पुस्तक के प्राक्कथन में केन्द्रीय कानून व न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने लिखा है कि सुशील मोदी की पुस्तक लालू-लीला ‘ लालू परिवार के भ्रष्टाचार का जीवंत दस्तावेज है।’ केन्द्रीय वित और कॉरपोरेट मामले के मंत्री अरुण जेटली ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि-‘लालू-लीला’ सार्वजनिक जीवन को भ्रष्टाचार-मुक्त करने के सुशील मोदी के अथक संघर्ष का प्रामाणिक दस्तावेज है।’ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी मानना है कि -‘भविष्य के लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए ‘लालू-लीला’ एक संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोगी साबित होगी।’
लोकार्पण समारोह में केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, राम कृपाल यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नित्यानंद राय, बिहार सरकार के मंत्री प्रेम कुमार, नंद किशोर यादव, श्रवण कुमार, मंगल पाण्डेय, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद राजीव प्रताप रूडी व शाहनवाज हुसैन आदि मौजूद रहेंगे।