विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरूवार को राज्यसभा में एक सप्लीमेंट्री क्वेश्चन के जवाब में देते हुए उम्मीद जताई कि भारत इस बार नहीं तो अगली बार सिक्युरिटी काउंसिल का परमानेंट मेंबर बन जाएगा. स्वराज ने कहा कि भारत में सिक्युरिटी काउंसिल का परमानेंट मेंबर बनने की सभी काबिलियत हैं.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि काउंसिल के चार परमानेंट मेंबर्स अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस भी भारत में सपोर्ट में हैं. पांचवें मेंबर चीन ने भी पब्लिकली इसका विरोध नहीं किया है. इसलिए मुझे विश्वास है कि इस बार नहीं, तो अगली बार भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाएगा. स्वराज के अनुसार, हम पुराने और नए मेंबर्स में कोई भेदभाव नहीं चाहते. हम दो वर्ग नहीं चाहते, कि स्थाई सदस्यों में एक प्रथम श्रेणी के और दूसरे द्वितीय श्रेणी के हों. यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि भारत वर्तमान स्थायी सदस्यों की तरह ही समान जिम्मेदारियां, विशेषाधिकार और दायित्व चाहता है.
बता दें कि यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल में 15 मेंबर्स हैं. इनमें से पांच- अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस परमानेंट मेंबर्स हैं.