राष्ट्रीय जनता दल ने आज आरोप लगाया और कहा कि पांच वर्ष पूर्व उजागर हुए बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के मामले में नीतीश सरकार एवं केन्द्रीय जांच ब्यूरो अपने निहित स्वार्थ के लिये इस पर पर्दा डाला रही है।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष2013 में भागलपुर की स्वयंसेवी संस्था महिला विकास सहयोग समिति सृजन में बैंक में जमा सरकारी राशि को सृजन के खाते में जमा कराये जाने का मामला प्रकाश में आया था। इसी दौरान भागलपुर में पदस्थापित बिहार सरकार की अधिकारी जयश्री ठाकुर के ठिकानों पर राज्य सतर्कता अन्वेषण ब्यूरो ने छापेमारी कर करोड़ों रुपये बरामद की थी, जिसमें स्वयंसेवी संस्था सृजन से जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद किये गये थे।
श्री तिवारी ने कहा कि इसके बाद भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने वर्ष 2013 में मामले की जांच के लिये एक समिति बनायी थी। इस समिति की रिपोर्ट का अभी तक पता नहीं चल सका है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के 23 अगस्त को भागलपुर के सबौर थाना में सृजन घोटाले को लेकर पहली प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से इस मामले के मुख्य आरोपी अमित और उसकी पत्नी प्रिया अभी तक फरार हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2013 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे, जबकि वित्त मंत्री के पद पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी थे। सरकारी खजाने से बड़ी राशि की निकासी की जानकारी वित्त मंत्री को निश्चित रूप से होती है लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री श्री मोदी ने जानबूझ कर इसकी अनदेखी की ताकि इस घोटाले में संलिप्त लोगों को बचाया जा सके।