सिमेज कॉलेज पटना और नौकरशाही डॉट इन की संयुक्त रुप से आयोजित निबंध प्रतियोगिता ‘सृजन’-1 का प्रथम पुरस्कार स्कूल ऑफ क्रियेटिव लर्निंग के शुभम कुमार सिंह को दिया गया है.
इस प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12 तक के105 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. ऐसे में कक्षा 9 के शुभम के इस प्रयास पर उन्हें हमारी शुभकामना. प्रतियोगिता के दूसरे और तीसरे विजेता के नाम और उनका निबंध हम हम क्रमश: कल और परसों छापेंगे
विषय- नये दौर में मां-बाप से बदलते संबंध
हम सभी जानते हैं कि मां-बाप हमारे लिए भगवान के समान होते हैं. हम लोग मां-बाप की इज्जत करना भूल गये हैं. हम यह जानते हैं कि मां हमें 9 महीने पेट में पालती है. हमें प्यार और ममता देती है. हम लोग उनसे ही रिश्ता तोड़ने की बात करते हैं. पिता हमारी उंगली पकड़ करचलना सिखाते हैं और हमें सही-गलत की राह दिखाते हैं.
सच कहा जाये तो हमारे लिए मां-पिता हमारे भगवान के समान होते हैं फिर भी हम उनका अपमान करते हैं. इसके बावजूद वे हमें आशीर्वाद ही देते हैं. वे हमारी गलती को देख कर अनदेखी कर देते हैं क्योंकि हम कितने ही बड़े क्यों न हो जायें उनके लिए हम बच्चे ही रहते हैं.
जब किसी व्यक्ति के पास कई पौधे होते हैं तो वह उसे संभाल कर रखते हैं. वे तो हमारे माली हैं और हम उनके पौधे हैं. माता पिता हमसे कितनी उम्मीद रखते हैं कि हमारा बेटा हमारे लिए बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन वही बेटा उन्हें छोड़ कर चला जाता है तो उनकी उम्मीद खत्म होने लगती है. हम मां-बाप को उस वक्त धोखा देते हैं जब उन्हें हमारी जरूरत होती है.
हम उन्हें बोझ समझने लगते हैं. हम भूल जाते हैं कि जब मां-बाप हमें पालते हैं तो बोझ समझ कर नहीं पालते वे हमें बच्चों की तरह पालते हैं.
मैं सभी से आग्रह करता हूं कि माता-पिता की इज्जत करना सीखिए क्योंकि वे ही हमारे लिए भगवान के समान हैं.
शुभम कुमार सिंह
कक्षा 9, क्रमांक 15
स्कूल ऑफ क्रियेटिव लर्निंग, दानापुर, पटना
नोट- पुरस्कार का चयन नौकरशाही डॉट इन की कमेटी करती है. यह चयन अंतिम है और इस संबंध में कोई पत्र-व्यवहार संभव नहीं.