सिमेज कॉलेज पटना और नौकरशाही डॉट इन की संयुक्त रूप से आयोजित निबंध प्रतियोगिता ‘सृजन-1’ का तृतीय पुरस्कार स्कूल ऑफ क्रियेटिव लर्निगं के अम्बर आशीष को दिया गया है.
विषय- नये दौर में मां-बाप से बदलते संबंध
मां-बाप हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. वे हमें जीवन में आगे बढ़ने का हौसला देते हैं. मां-बाप का बच्चों के प्रति स्नेह देखते ही बनता है. एक तरह से देखें तो मां-बाप हमारे लिए भगवान से बढ़ कर हैं.
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मां अपने बच्चे को 9 महीने कष्ट सह के पेट में पालती है. यहां तक कि वह बच्चों की खुशी के सामने अपनी खुशी को भी नहीं देखती. पिता बच्चों की सारी ख्वाहिशें पूरी करते हैं.
आज का युग बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है. बदलते दौर में बच्चों में भी परिवर्तन आने लगा है. नयी तकनीक बच्चों को मां-बाप से अलग करती है. इनमें मोबाइल, टीवी और कम्प्युटर ऐसी चीजें हैं जो बच्चों को मां-बाप से दूर करती हैं. इसके अलावा आज का परिवेश जैसे सिनेमा, टीवी, मॉल आदि जहां हमारे लिए मददगार हैं वहीं इसके कारण बच्चे बिगड़ते भी हैं. इन कारणों से बच्चे मां-बाप से अलग होते चले जाते हैं.
शुरू में तो मां-बाप भी बच्चों में आ रहे इस परिवर्तन को हलके में लेते हैं. कई मां बाप बच्चों पर खास निगाह नहीं रखते जिस कारण बच्चे गलत संगति में पड़ जाते हैं परिणाम स्वरूप बच्चों में मां-बाप के प्रति आदर की भावना कम हो जाती है. यहां तक कि वे मां-बाप से बहस और झगड़ा तक करते हैं. कई मामले में तो आज के मां-बाप यह भी नहीं समझ पाते कि उनके बच्चे किन गलत आदतों में पड़ गये हैं.
ऐसे में यह जरूरी है कि एक उचित माहौल बने जिसमें बच्चे को जिम्मेदार बनाया जाये तो दूसरी तरफ मां-बाप को भी अपने बच्चों के लिए समय निकालने की जरूरत है ताकि उन्हें समझने का मौका मिल सके.
अम्बर आशीष
स्कूल ऑफ क्रियेटिव लर्निंग, दानापुर पटना
कक्षा दस ए
क्रमांक-17