सिमेज कॉलेज और नौकरशाही डॉट इन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित निबंध प्रतियोगिता सृजन-2 का प्रथम पुरस्कार पटना हाई स्कूल गर्दनीबाग के प्रशांत को दिया गया है. ‘नये दौर में मां-बाप से बदलते रिश्ते’ विषय पर छात्रों ने निबंध लिखे.
प्रशांत कुमार, कक्षा दस, पटना हाई स्कूल
आज के समय में बच्चें से मां बाप का संबंध काफी बदल रहा है। क्योंकि हमेशा मां बाप बच्चों पर प्रेशर दिया करते हैं तुम यह काम करो और यह काम मत करो जिससे दिनों दिन बच्चे काफी चिड़चिड़े हो रहे है। प्राचीन समय में मां बाप की काफी इज्जत थी जैसे राम-लक्षमण और श्रवण पूत्र आदि थे।
हमारे घरों में में बाप एवं माता ही भगवान के रूप में होते है। लेकिन बच्चें अपने मां बाप से काफी दूर जा रहे है। जैसे बच्चे 18 वर्ष से ऊपर पहुंचते हैं वैसे वैसे बच्चे बडों का सम्मान करने से पीछे हटने लगते है। इस नये जमाने में ऐसा संबंध खराब होने लगा जो संबंध कभी भी खराब नहीं होना चाहिए था अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में मां-बाप को घर से बाहर करने की परम्परा तेजी हो जायगी।
दुनिया एक अच्छे रास्ते पर ना जा कर बुरी हालत की तरफ जा रही है क्योकि एक दिन ऐसा समय आयेगा कि बच्चे मां बाप को गुलाम बनायें रहेंगे. ऐसे बच्चे एवं पिता- माता के संबंध से पत चल रहा है कि माता पिता हमारे लिए देवी देवताओं के रूप होते थे. माता- पित अनेक बच्चों को पाल दिया करते हैं मगर अनेक बच्चों से माता पिता का पालन-पोषण नहीं होता है। हालत तो यह है कि कई बच्चें अपने मां- बाप को पहचानने से इनकार कर दे रहे हैं वह तब, जब मां बाप उनको पाल कर समाज में अच्छा करने के योग्य बना देते हैं। संसार सीमित है लेकिन बच्चे संसार में विभिन्न विभिन्न रूप के हैं जिससे माता-पिता के साथ आचारण करते है.
बच्चों में संस्कार की कमी के कारण आज मां-बाप के पेंशन तक बच्चें आपस में बांट कर मां-बाप को तिल- तिल कर मरने को मजबूर कर दे रहे हैं. हमारे बीच संस्कार की कमी ने हमे अपने मां- बाप से दूर कर दिया है