जनता दल राष्ट्रवादी ने कहा है कि यूपी में सेक्युलर ताकतों की हार से उसे कोई हैरत नहीं क्योंकि यादवों और दलितों के बड़े हिस्से ने सेक्युलरिज्म का साथ छोड़ कर साम्प्रदायिक शक्तियों से हाथ मिला लिया जबकि मुसलमान सेक्युलरिज्म के रास्ते पर डटे रहे.
जेडीआईर के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने कहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी और बसपा की हार का असल कारण यही है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस मुगालते से निकलना होगा कि वे भाजपा को हरा देंगे. रहमान ने उलेमा से अपील की कि वे साम्प्रदायिक बानबाजी से बचें. रहमान ने कहा कि उलेमा ने खुद मुसलमानों को अलग-अलग मसलकों में इतना बांट रखा है कि वे आपसे में एकजुट नहीं होते जबकि उनके बयान की प्रतिक्रिया में साम्प्रदायिक शक्तियां जरूर एकजुट हो जाती हैं.
रहमान ने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों के लिए न तो बेरोजगारी मुद्दा है और न ही महंगाई. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पूरा समाज साम्प्रदायिकता की लाइन पर बंटता जा रहा है ऐसे में उलेमा का बयान आग में घी का काम करता है.
अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमान जीतने की उम्मीद में सत्तर साल से हार रहे हैं क्योंकि सेक्युलर पार्टियां हमारी उम्मीदों को हर बात तार-तार करती रही हैं. उन्होंने कहा कि सेक्युलर नेताओं के रंगबदलने की आदत से उनके समा के लोग साम्प्रदायिक शक्तियों के साथ चले जा रहे हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सेक्युलरिज्म को बचाने के लिए खुद मुसलमान नेतृत्व सामने आये.