कुछ मुस्लिम संगठनों पर धारदार हमला बोलते हुए जनता दल राष्ट्रवादी के संयोजक अशफाक रहमान ने कहा है कि कथित सेक्युलर परार्टियों को समर्थन दे कर दलाली करने के बजाये उन्हें सामने आ कर सियासत करना चाहिए.
अशफाक रहमान कहा कि दारुल उलूम देवबंद, जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी और ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल जैसे संगठनों द्वरा चुनाव के वक्त किसी खास पार्टी को समर्थन करना सियासी दलाली है. उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन मुस्लिम लीडरशिप को उभार और मजबूती देने के बजाये दूसरी पार्टियों के नेतृत्व को कंधा देने का काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कुछ मुस्लिम संगठनों ने यूपी चुनाव के वक्त किसी खास पार्टी को वोट देने के लिए मुसलमानों से अपील की है. अशफाक रहमान का यह बयान इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है.
अशफाक रहमान ने सख्त लहजे में ऐसे संगठनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये वही हैं जो मुस्लिम समाज के नाम पर निजी रोटी सेकते हैं. रहमान ने आशचर्य व्यकत करते हुए कहा कि ये संगठन खुद को मुसलमानों का हमदर्द घोषित करते हैं जबकि दूसरी तरफ मुस्लिम वोटों को अन्य राजनीतिक पार्टियों को बेच कर मुस्लिम समाज को सियासी गुलाम बनाने में लगे हैं.
रहमान ने कहा कि इन मुस्लिम संगठनों के इसी रवैये के कारण आज तक भारत में मुस्लिम नेतृत्व नहीं उभर सका क्योंकि ऐसे संगठन अपने निजी लाभ के लिए कथित सेक्युलर दलों की जूतियां सीधी करके खुद को गर्वान्वित महसूस करते हैं.
रहमान ने ऐसे संगठनों से सवाल करते हुए कहा कि आखिर कबतक हारने के डर से कथित सेक्युलर पार्टियों के तलवे चाटते रहेंगे और मुस्लिम नेतृत्व वाली सियासी पार्टियों का समर्थन नहीं करेंगे.
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