सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना के उग्रवाद विरोधी दल (काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स) राष्ट्रीय राइफल्स के इतिहास पर लिखी पुस्तक ‘होम ऑफ द ब्रेव’ का विमोचन 27 मार्च 2017 को साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में किया. यह पुस्तक नितिन ए गोखले, रक्षा एवं सुरक्षा विश्लेषक और ब्रिगेडियर एस के चटर्जी (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखी गई है.
नौकरशाही डेस्क
‘होम ऑफ द ब्रेव’ पुस्तक में राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के शुरुआती इतिहास, इसके संगठन, इसकी स्थापना और पंजाब, उत्तर-पूर्व (पूर्वोत्तर) तथा जम्मू और कश्मीर में तैनाती के बारे में बताया गया है. राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) ने ऑपरेशनों से कई ख्यातियां अर्जित की है, जो एक अभेद्य उग्रवाद विरोधी दल (काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स) है.
इसके साथ ही राष्ट्र की सुरक्षा के अपने प्रमुख जनादेश को पूरा करने के अलावा इस बल (फोर्स) ने लोगों के दिलों और दिमागों को जीतने के लिए कई नरम उपाय भी किए हैं- एक महत्वपूर्ण और मूल्यवान अभ्यास जिसे भारतीय सेना ने भी सराहा और स्वीकार किया है. यह पुस्तक भारतीय सेना के पेशेवराना अंदाज और सैन्य नैतिकता तथा मूल्यों को मजबूत करने में राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की भूमिका प्रतिबिंबित करती है.
‘होम ऑफ द ब्रेव’ पुस्तक सेना की सभी इकाइयों और सेना प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की उपलब्धियों के एक प्रामाणिक रिकॉर्ड के रूप में भी कार्य करेगा. रक्षा नीति योजनाकारों, शोध विद्वानों और सैन्य इतिहासकारों के लिए यह पुस्तक तथ्यात्मक और अच्छी तरह से सिलसिलेवार जानकारी प्रदान करती है. इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर सेना प्रमुख (सीओएएस), राष्ट्रीय राइफल्स के महानिदेशक, राष्ट्रीय राइफल्स महानिदेशालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी समेत पुस्तक के लेखक भी शामिल हुए.