विपक्ष के दवाब के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार रीयल एस्टेट बिल को राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए तैयार हो गई है। बुधवार को राज्यसभा के कामकाज के एजेंडे में सेलेक्ट कमिटी के गठन के मुद्दे को शामिल कर दिया गया।
इस कमिटी में सभी पार्टियों के 20 सदस्य शामिल होंगे। रीयल एस्टेट (रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट) बिल, 2013 का मकसद इस सेक्टर के लिए एक नियामक एजेंसी का गठन है। बीते हफ्ते विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद राज्यसभा में इस पर कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। विपक्षी सदस्य इस बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने की मांग कर रहे थे। मंगलवार को भी राज्यसभा के कामकाज के एजेंडे में इस विधेयक को शामिल किया गया था लेकिन सदस्यों ने इसका विरोध किया। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि वे सभी पार्टियों से इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार बिल्डरों के हित में कानून ला रही है, जबकि कांग्रेस ने इसे बेहतर कानून लाया था। प्रस्तावित कानून घर खरीदने वाले लोगों और रीयल एस्टेट से जुड़े बिल्डरों के लेन-देन के तौर तरीकों को तय करती है। प्रस्तावित कानून के तहत रीयल एस्टेट सेक्टर के लिए एक नियामक एजेंसी भी बनाई जानी है।