दिल्ली सरकार द्वारा मंत्रियों की कारों से लाल बत्ती हटाने के फैसले के बाद अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर दबाव बढ़ गया है कि वे मंत्रियों और अधिकारियों की कारों से लाल और पीली बत्ती हटायें.
सेवानिवृत अधिकारियों की एक संस्था ने आम आदमी पार्टी से प्रभावित होकर सोमवार को कांगड़ा जिले के पालमपुर शहर स्थित सामाजिक संगठन पीपुल्स वॉयस के उपाध्यक्ष केबी रल्हन ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने काफिले से वाहनों की संख्या भी घटानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम तीन सालों से मंत्रियों एवं अधिकारियों के वाहनों से लालबत्ती हटाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा लाल और पीली बत्ती सत्ता और शक्ति का प्रतीक है जो लोकतांत्रिक समाज के लिए ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने वीआईपी संस्कृति समाप्त करने का फैसला किया है तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.’
मालूम हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वीआईपी वाहनों और उन में लगने वाली लाल या पीली बत्तियों के दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए.