केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा और विदेश सेवा के वैसे अधिकारियों को सेवामुक्त करने की प्रक्रिया पर गौर कर रही है जो पंद्रह साल की सेवा पूरी करने के बावजूद नाकारे साबित हो रहे हैं.
खबरों के अनुसार केंद्र सरकार ने इस संबध में राज्य सरकारों को भी बता दिया है कि वे वैसे अधिकारियों के रिकार्ड की समीक्षा अगले छह महीने में कर लें.
अखिल भारतीय सेवा संहिता सरकार को यह अधिकार देता है कि वह काम के मानदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले अधिकारारियों को समय से पहले रिटायरमेंट दे दे.
इससे पहले सरकार के पास अधिकारियों के कामों की समीक्षा करने का अधिकार 30 साल की सेवा पूरी कर के बाद था. पर नये नियमों के अनुसार सरकार अब यह काम 15 वर्ष में कर सकती है.
दर असल तीस साल की सेवा पूरी कर लेने तक आम तौर पर रिटार्यरमेंट की उम्र लगभग आ चुकी होती है. ऐसे में इस नियम का कोई खास फायदा नहीं हो पाता था.
अब इस संबंध में केंद्र सरकार राज्य सरकारों के सहयोग की उम्मीद कर रही है, क्योंकि इसमें राज्य सरकारों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा मिले प्रतिवेदन को आधार बना कर किसी अधिकारी को सेवामुक्त कर सकती है