बिहार की राजनीति का असर केंद्र की राजनीति में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। केंद्र में कमजोर होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भरोसा भी बिहार पर बढ़ गया है। जनहित के मुद्दों को बिहार के सांसद ही लोकसभा में उठा रहे हैं और विपक्षी दल होने का अहसास करा रहे हैं।
लोकसभा के नये गणित असर सामाजिक कार्यक्रमों में भी दिखने लगा है। यूपीए के बन रहे नये गठबंधन का नजारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से अशोक होटल में आयोजित इफ्तार पार्टी में भी दिखाई दिया। जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव और राजद अध्यक्ष लालू यादव भी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। यूपीए सरकार के गठन के बाद पहली बार शरद यादव कांग्रेस की तरफ से आयोजित किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी तरफ से इफ्तार पार्टी दी। कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर यूपीए सरकार के गठन से पहले भी सोनिया गांधी इफ्तार की दावत देती रही हैं।
इफ्तार पार्टी में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मेज पर जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, एनसीपी नेता तारिक अनवर और जद (यू) के केसी त्यागी थे। वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दूसरी मेज पर पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ इफ्तार किया। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेशी राजनीयिकों के साथ खाना खाया।
इफ्तार पार्टी के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष से कई सवाल पूछे गए पर उन्होंने यह कहते हुए टाल दिए कि यह इफ्तार की दावत है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी चुप्पी साधे रहे। हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर विचार करने के लिए पार्टी का जल्द चिंतन शिविर होगा और कांग्रेस संगठन में भी फेरबदल करेगी।
कांग्रेस के ज्यादातर नेता बिहार में हुए गठबंधन से खुश नजर आए। पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। बिहार विधानसभा के उप चुनाव में इसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे। दूसरे राज्यों में भी सेकुलर वोट का बंटवारा रोकने की पहल होनी चाहिए। ताकि, भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किया जा सके।