वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार समर्थक और विपक्ष के अधिकांश दल संसद की कार्यवाही चलाये जाने के पक्ष में है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अडियल रवैये के कारण सदन की बैठक नहीं चलने दी जा रही है और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुडे संविधान संशोधन विधेयक को अटकाने के लिए विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज को मुद्दा बनाया जा रहा है।
श्री जेटली ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दलो के अलावा विपक्ष के प्रायह सभी दल अब संसद की कार्यवाही चलने देने के पक्ष में है। यहां तक कि कांग्रेस के अधिकांश सदस्य भी संसद की कार्यवाही चलने देने के पक्ष में है, लेकिन श्रीमती गांधी और कांग्रेस के एक अन्य नेता की जिद की वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का आकलन है कि विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज के बहाने कांग्रेस पार्टी वास्तव में अर्थव्यवस्था में बडा बदलाव लाने वाले जीएसटी से जुडे संविधान संशोधन विधेयक को पारित नहीं होने देना चाहती है ताकि देश का आर्थिक विकास प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर सरकार के पास बहुमत है और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर अलग थलग पड गयी है इसलिए वह कार्यवाही नहीं चलने दे रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन( संप्रग) सरकार के दौरान भी श्रीमती गांधी ने अपनी नीतियों को लागू करने का सरकार पर दबाव बनाया जिसके कारण अर्थव्यवस्था में मंदी आयी। पिछली सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था में अायी मंदी के लिए उन्होंने सीधे सीधे श्रीमती गांधी को दोषी ठहराया।