मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के बढ़ते दुरूपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने वाट्सएप समेत सोशल मीडिया के अन्य के माध्यम से पिछले माह आये भूकम्प के दौरान जिस तरह अफवाह फैलायी गई, वह खतरनाक है।
श्री कुमार ने यहां आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया का दुरूपयोग हो रहा है। पिछले माह नेपाल में आये भूकंप के दौरान वाट्सएप के माध्यम से तरह तरह के अफवाह फैलाया गया। यहां तक कह दिया कि चांद उलट गया है। लेकिन हमें खुशी है कि इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया ने इसका काट किया और सही बात लोगों तक पहुॅचायी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा को लेकर धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने आपदा पर सबको सोचने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि आपदा पर सबका सहयोग जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में जो स्ट्रक्चर बन रहा है, वह सेफ बने, चाहे भूकम्प आये, साइक्लोन स्ट्रोम (चक्रवाती तूफान)आये या टॉरनेडो (बवंडर) आये, स्ट्रक्चर सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि इस विषय पर काम हो रहा है। बिहार में सरकारी एवं निजी भवन भूकम्परोधी बने। स्कूल के बिल्डिंग, अस्पताल, दफ्तर एवं सभी सरकारी कार्यालय भूकम्परोधी बनेगा, उसी तरह से निजी भवन भी भूकम्परोधी बनना चाहिये। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि सरकार किसी भी आपदा से निबटने के लिए तैयार और सक्षम है। इस मौके पर, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, आपदा प्रबंधन मंत्री लेसी सिंह ने भी अपने विचार रखे।