छत्तीसगढ़ के युवा दबंग डीएम के चश्मा पहनने का मामला बड़ी बहस का रूप लेने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में काले रंग का चश्मा और ब्लू शर्ट पहन कर स्मार्ट दिख रहे बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया का अंदाज राज्य की रमन सरकार को नागवार गुजरा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने भविष्य में ऐसा न करने की इस डीएम को चेतावनी दे डाली। दंतेवाड़ा के कलेक्टर के.सी. देवसेनापति को भी मोदी की अगुआई में चटकदार रंग की शर्ट पहनने पर नोटिस थमा दिया गया। यह मामला शुक्रवार को गरमाया तो सोशल मीडिया पर भी आम लोगों ने खूब प्रतिक्रिया दी। ज्यादातर का यही कहना था कि सरकार ने प्रोटोकॉल के नाम पर कुछ तेज प्रतिक्रिया दे दी। मोदी ने बस्तर के डीएम अमित कटारिया के काले रंग के चश्मे को देखकर कहा था, ‘कैसे हो दबंग अफसर!’ माना जा रहा है कि वहां खड़े छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को डीएम का चश्मा पहनना पसंद नहीं आया और उनके निर्देश के बाद डीएम को नोटिस दिया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार ने ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 के रूल 318 का हवाला देते हुए दोनों डीएम को नोटिस भेजा। हालांकि इस एक्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि कैसे कपड़े पहनें। इसमें बस इतना जिक्र है कि सरकारी मौकों और ड्यूटी पर वह (अफसर) सोबर ड्रेस पहनेगा। प्रावधानों के तहत ऑल इंडिया सर्विस काडर के अफसर रिपब्लिक डे, इंडिपेंडेंस डे, राज्यपाल, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के आगमन सहित विभिन्न अवसरों पर सोबर ड्रेस पहनेंगे। पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टी.एस.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि उन्होंने पूरे करियर में ऐसा मामला नहीं देखा है। सरसरी तौर पर सिर्फ चश्मा पहनने के आधार पर नोटिस देना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि सर्विस एक्ट में खास कपड़े या चश्मे पर कोई जिक्र नहीं है।