अपनी मजबूत लॉबी और शीला दीक्षित की वफादारी के चलते दीपक मोहन स्पोलिया दिल्ली के मुख्यसचिव बनाये गये हैं.जबकि शक्ति सिन्हा लाख कोशिशों क बावजूद हाथ मलते रह गये.
57 वर्षी स्पोलिया 1979 बैच के आईएएस अधिकारी है.स्पोलिया ने प्रवीण कुमार का स्थान लिया है.
स्पोलिया की नियुक्ति उनकी मजबूत लॉबीइंग की वजह से हुई मानी जा रही है.इस पद के लिए उनके सबसे बड़े कंटेंडर थे शक्ति सिन्हा.
शक्ति सिन्हा भी 1979 बैच के आईएएस हैं.लेकिन उनकी निकटता बीजेपी से मानी जाती है. शक्ति सिन्हा एनडीए शासनकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव हुआ करते थे.
जानकारों का कहना है इन्हीं कारणों से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उन्हें मुख्यसचिव बनाने के मूड में नहीं थीं.
जबकि स्पोलिया के बारे में कहा जाता है कि कमन वेल्थ गेम में हुई भारी अनियमितता के मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली सरकार को भरसक बचाने का प्रयास किया था.इसलिए उनकी वफादारी काम आई और उन्हें मुख्यसचिव बना दिया गया.
ऐसे समय में जब दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति चुनौति बनी हुई है स्पोलिया पर देश की नजरें टिकी हुई हैं.
हालांकि उन्होंने कहा है कि उनका लक्ष्य सुशासन कायम करना होगा.
स्पोलिया इससे पहले दिल्ली सरकार में वित्त विभाग के सचिव थे.1955 में चंडीगढ़ में जन्मे स्पोलिया ने अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री ली है. उन्होंने अपनी सेवायें पांडिचेरी और मिजोरम में भी दी है.
पद से रिटायर होते समय प्रवीण ने भी कानून व्यवस्था को बड़ी चुनौति बताते हुए कहा है कि यह समय है जब हमें साकारात्मक ऊर्जा एकत्र करके सुशासन कायम करने की जरूरत है.समाज को महिलाओं का सम्मान करने का एटीट्यूड विकसित करना होगा.