उत्तरप्रदेश में हुए स्मारक घोटाले की जांच की आंच राज्य के तीन आईएएस अधिकारियों को अपने लपेटे में ले सकती है. नौकरशाह रवींद्र सिंह, हरभजन सिंह और मोहिंदर सिंह से आर्थिक अनुसंधान शाखा पूछ-ताछ की तैयारी में हैं.
इससे से पहले लोकायुक्त की सहयोगी आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और तीन विधायकों समेत पचास लोगों को नोटिस दे चुकी है.
2007 से 2011 के बीच नोएडा व लखनऊ में अंबेडकर पार्क व स्मारक के निर्माण में पत्थरों की कटाई, ढुलाई व तराशने आदि के मदों में हेराफेरी की बात सामने आई है. सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों जांच के दौरान भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के तत्कालीन एमडी रामबोध मौर्य और तत्कालीन जेडी एसए फारुखी से हुई पूछताछ में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए हैं.
इन तीन नौकरशाहों के अलावा राजकीय निर्माण निगम के पूर्व एमडी सीपी सिंह, लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अभियंता और अब विधायक टी राम समेत दो दर्जन बड़े लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है. खबर है कि जांच एजेंसी पूरा ब्योरा नए सिरे से तैयार कर रही है. लोकायुक्त के निर्देश के आर्थिक अपराध शाखा ने जांच को नए सिरे से शुरू किया है. बताया जा रहा है कि वह अगले कुछ दिनों में 250 लोगों को नोटिस भेजने वाली है.